हँसी

 हँसी
क्या गजब जिंदगी है दोस्तो, जहाँ एक मिनट लगता है खुश होने के लिए वहीं एक मिनट इतना दर्द देता है ना कि आगे की जिंदगी खत्म करने का मन करता है। सभी कोई ना कोई दर्द लेकर चलते रहते हैं, हंसते रहते हैं, मुस्कुराते रहते हैं लेकिन कोई किसी से नही बोलता। औऱ जब सब्र का बांध टुट जाता है तो वो लोग जो औऱ सहन नही कर सकते मौत को गले लगा लेते हैं।
 आजकल की पीढी में बहुत ज्यादा प्रचलित हो गया है प्यार। यानि जिसकी तरफ देखें वो एक बार अवश्य बोलेगा कि हाँ मैने भी प्यार किया पर.........।
 पर का  मतलब सीधा सा है कि उसे उसका प्यार नही मिला। बताते हैं लोग, अपना दुख-दर्द जाहिर करते हैं और यह कभी नही हुआ कि गलती खुद की मानी हो अर्थात अगर लङका दुखी है तो इसका कारण लङकी, और अगर लङकी दुखी तो इसका कारण लङका। यानि सब एक दुसरे पर आरोप लगा देते हैं।
 हाँ आरोप लगाने भी चाहिए क्योंकि प्यार तो उसे इसलिए किया था कि उसे हम जैसा चाहते हैं वैसा बना सकें जैसा हम चाहते हैं वैसा वो करे पर क्या ऐसा कभी हुआ है, नही। फिल्में बहुत निकली हैं जिसमें लङकी अपने प्यार को किसी ओर को सोंपते हुए मुस्कूराहट के साथ वहाँ खङी रहती है। उसी तरह लङका अपने प्यार को किसी और को सौंपते हुए वहाँ खङा रहता हैं।  
 पर दोस्त..। ये इस दुनियाँ कि एक कङवी सच्चाई बन चुकी है खासकर आज के जमाने में। अगर लङकी सच्चा प्यार करती है तो लङका उसकी कद्र नही करता है और अगर लङका सच्चा प्यार करता है तो लङकी उसकी कद्र नही करती है। औऱ दोनों ऐसी जगह फंस जाते हैं जहाँ वो तो सच्चा प्यार करने लग जाते हैं लेकिन अब उन्हे जो मिले हैं वो उनसे प्यार नही करते। 
  क्या है कि सभी मिस्टर या मिस परफेक्ट ढुंढने में लगे हैं। कोई समझोता नही करता है कैसे करलें एक ही तो जिंदगी मिली है इसे भी हम ऐसे इंसान के साथ गुजार दें जिसे हमने कभी ख्वाबों में भी ना सोचा हो। बहुत तकलीफ होती है जब किसी को थोङा सा भी चाहने लगते हैं और वो किसी और के पास चला जाये। 
 सर्दियों का समय है अपने कमरे मै बैठा हूँ सुबह के 6 बजे हैं और दर्द भरे गाने सुन रहा हूँ। एक लेखक हुँ इसलिए अपना सारा दुख - दर्द अपने लेखन से ही निकाल लेता हूँ। अगर फाइटर होता तो शायद जिम मे जाता, अच्छा ड्राइवर होता तो अपनी गाङी को 100 की स्पीड से उपर चालकर अपने सारे दुख-दर्द को मिटा देता औऱ अगर एक शराबी होता तो शायद शराब ही वह आखरी चीज है जिससे शराबी ना हो तब भी पी ही लेते हैं।  
लेकिन मै भुला नही मेरा परीवार है मेरे अपने हैं अभी। जो मेरे साथ जन्म से हैं और कभी उन्होने धोखा नही दिया इसके लिए खुशी मनाउँ या फिर मै उस इंसान के लिए जो सिर्फ 2 साल पहले मेरी जिंदगी में है या उससे ज्यादा उसके लिए दुखी हो जाउँ औऱ बैठ जाउँ किसी शराब के ठेके पर और करलुँ अपना भविष्य रंगीन।  
 भाग – 2

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