Basic Computer Knowledge With Simples Words For Childs


Ø कुछ कम्प्युटर की अंग्रेजी के शब्द –
1.     Computer – गणना यंत्र (difference engine)
2.     Compute – गणना (गणना करना)
3.     Device -  उपकरण
4.     Unit -  इकाई
Ø कम्प्युटर की परीभाषा – कम्प्युटर एक बीजली से चलने वाला एक उपकरण है जो हमारे द्वारा दिये हुए निर्देशों को ग्रहण करता है । उन पर प्रोसेस करता है, ओर हमें जवाब देता है ।
Ø कम्प्युटर शब्द की उत्पति – कम्प्युटर शब्द की उत्पति लेटिन भाषा के कम्पयुट शब्द से हुई जिसका अर्थ है गणना करना
Ø कम्प्युटर की उत्पति – ऐसा माना जाता है कि कम्प्युटर का इतिहास लगभग 3500 वर्ष पुराना है अर्थात जब से मानव ने गणना करना शुरु किया था तभी से कम्प्युटर का अविष्कार हो गया था । पर एक तरह से कम्प्युटर का अविष्कार चार्ल्स बेबेज ने 1844 में किया जो केम्ब्रेज युनिवर्सिटी में गणित के प्रोफसर थे । इन्हे कम्प्युटर का पिता कहा जाता है । इन्होने इसका नाम डिफरेंस इंजन (difference engine) रखा । जो शुद्ध बीज गणित ( + , - , *,/) के सवालों को हल कर सकता था । तथा इनकी सेक्रेटरी लेडी लव लेस ने इसका ओपरेटिंग सोफ्टवेयर (ms dos – Microsoft disk operating system) तैयार किया जो दुनिया का प्रथम ओपरेटिंग सिस्टम सोफ्टवेयर है। जिसे 1981 में तैयार किया गया तथा दो वर्षों तक जांच की गयी तथा 1983 में लोंन्च किया गया ।
Ø अबेकस (abacus)  - अबेकस सबसे पहला गणना यंत्र है । जो एक चाइनीज द्वारा तैयार किया गया था ।
Ø कम्पयुटर को दो भागों में बांटा गया है -
1.     हार्डवेयर – कम्प्युटर के वो भाग जिन्हे हम देख सकते हैं, छु सकते हैं और महसुस कर सकते है । वो हार्डवेयर होंगे ।
जैसे – मोनिटर, सी.पी.यु., माउस, किबोर्ड, प्रिटंर इत्यादि ।
2.     सोफ्टवेयर – कम्प्युटर के वे भाग (सिर्फ प्रोग्राम होंगे) जिन्हे हम सिर्फ देख सकते हैं, छु नही सकते वो सोफ्टवेयर होंगे ।
जैसे – टैली 9, टाईपिंग मास्टर, इत्यादि । (टी.वी चैनल्स भी एक तरह से सोफ्टवेयर हैं ।)
अब हार्डवेयर को तीन भागों में बांटा गया है ।
      ( याद रहे ये तीनों उपकरण है जैसे हमारे घर का टी.वी, रिसीवर, रिमोट इत्यादि ।)
1.     इनपुट डिवाइस – कम्पयुटर के वे भाग जिनके द्वारा हम कम्प्युटर को निर्देश देते हैं। जैसे- किबोर्ड, माउस, लाइट पेन, स्केनर,
2.     सी. पी. यु. (CENTRAL PROCESSIING UNIT) कम्पयुटर को दिये निर्देश को प्रोसेस करना, कम्पयुटर में होने वाली हर गतिविधि पर नियत्रण रखना सी. पी. यु. का काम है (इसलिए सी.पी.यु को कम्पयुटर का ब्रेन (दिमाग) कहा जाता है)
3.     आउटपुट डिवाइस – कम्प्युटर के वे भाग जिनके द्वारा कम्पयुटर हमें परीणाम दिखाता है । जैसे – मोनीटर, प्रिंटर, स्पीकर इत्यादि ।
(ये क्रमानुसार 100% सही हैं।)
(अब तीनों का डिवाइसों का एक उदाहरण बनाते हैं – जैसे हमें कम्प्युटर से एक mp3 गाना सुनना है हम इनपुट डिवाइस माउस से उस फोल्डर में गये जहां पर गाने हैं पहुचानें की प्रोसेसिगं सी. पी. यु ने कर दी और अगर हम उस फोल्डर में पहुंच गये जहां पर गाने हैं तो जिससे हमें ये पता चला कि हम उस फोल्डर में पहुंच गये जहां गाने हैं किससे पता चला ? हम उसे कम्प्युटर की भाषा मे मोनिटर ही कहेंगे चाहे वो LCD हो या LED। वो आउटपुट है, अब किबोर्ड इनपुट डिवाइस से हम उस गाने का नाम लिखेंगे, सी.पी.यु देखकर बतायेगा ये गाना है कि नही । अगर होगा तो आपके सामने आउटपुट डिवाइस मोनीटर में दिखेगा । माउस इनपुट डिवाइस से क्लिक करके हम उस गाने को चालु करेंगे और चलायेगा सी.पी.यु व आउटपुट डिवाइस स्पीकर से वो गाना हमें सुनायेगा।)
(mp3 audio के गाने व mp4 video के गाने होते है.)
अब सोफ्टवेयर को भी तीन भागों में बांटा गया है । -
1.     सिस्टम सोफ्टवेयर – कम्प्युटर को चलाने के लिए अनिवार्य सोफ्टवेयर है (एक सोफ्टवेयर समुह होता है एक ही होता है) अगर ये नही है तो कम्प्युटर कभी नही चलेगा । इसे ओपरेटिंग सिस्टम सोफ्टवेयर भी कहते हैं। जैसे – (क्रम से) सबसे पहला ms-dos ,WIN-95,98,2000,7,8,8.1,xp,vista, N.T इत्यादि ।
2.     अप्लीकेशन सोफ्टवेयर – उपयोगकर्ता के उपयोग पर निर्भर करता हैं (ऐसे सोफ्टवेयर जो युजर की डिमांड पर डाले जाते हैं.) जैसे- MS-OFFICE, TYPING, TELLY 9 । (जैसे अगर मुझे गेम खेलना है तो मै गेम का सोफ्टवेयर डालता हुं GTA VICE CITY तो ये एक अप्लीकेशन सोफ्टवेयर है क्योंकि मेरी इच्छा से डाला गया है ये)
3.     युटीलिटी सोफ्टवेयर – ऐसे सोफ्टवेयर जो दो मशीनों को जोङने का काम करते हैं। हम इन्हे DRIVER SOFTWARE भी कह सकते हैं। जैसे – ब्लुटुथ, प्रिंटर, SD CARD (जैसे आप अपने कम्प्युटर में GTA VICE CITY गेम चलाते हैं और वो ये नाम दिखाता है VIDEO MEMORY NOT AVAILABLE यानि हमने उसमे UTILITY SOFTWARE जिन्हे हम  DRIVER SOFTWARE भी कहते है नही डाला होता है। वो डालते ही कम्प्युटर की स्क्रीन में कुछ बदलाव होते हैं व आपको कम्प्युटर के कई आँपशन भी मिलते हैं जैसे sleep का)
कम्प्युटर के प्रकार दो रुपों में –
1.    कार्य के आधार पर
2.    आकार के आधार पर
(यहां मै पहले ही शंका का निवार्ण कर दुं कि आम जीवन शैली में हम सिर्फ डिजिटल कम्पयुटर को काम में लेते हैं इसलिए आकार के आधार पर डिजिटल कम्प्युटर को चार प्रकारों में बांटा जा रहा है । इनके बारे में जानकारी नीचे दी जा रही है । कोशिश करें कि एक बार ये दोबारा देखें कार्य के आधार पर कम्प्युटर पढने के बाद, और आपकी इच्छा)
कार्य के आधार पर कम्पयुटर को तीन प्रकारों में बांटा गया है ।
1.     डिजीटल कम्प्युटर (Digital Computer) – कम्प्युटर मानवीय भाषा मे काम नही करता है डिजिटल कम्प्युटर डाटा को अंको मे प्रदर्शित करते हैं । ये बाइलरी नम्बर 0,1 पर ही काम करते हैं। तथा गणना से संबधित कार्य ही करते हैं ।
2.     एनालोग कम्प्युटर (Analog Computer) यह लिंक हमारे युट्युब चेनल का है । जिसमें आपको अलग अलग रहस्य पता चलेंगे कम्प्युटर के बारे में– ये कम्प्युटर ताप, दाब, गति, ध्वनि, आदि संकेतों पर काम करते हैं । जैसे
       आज तापमान कितना रहेगा , बाढ या भुकम्प आने की संभावना है या नही) इत्यादि ।
3.     हाईब्रिड कम्पयुटर (hybrid Computer) ये कम्प्युटर डिजिटल व एनालोग दोनों की सयुंक्त कार्य पद्धति पर काम करते हैं । यानि दोनों काम करते हैं।
आकार के आधार पर डिजिटल कम्प्युटर को चार प्रकारों में बांटा गया है ।
1.     माइक्रो कम्प्युटर (Micro Computer) – ये कम्पयुटर माइक्रो प्रोसेसर को मुख्य अव्यव के रुप में लेते हैं ।
2.     मिनी कम्प्युटर (Mini Computer)
3.     मेनफ्रेम कम्प्युटर (Mainframe Computer)
4.     सुपर कम्पयुटर (Super Computer) पहला भारत में बनाया गया सुपर कम्प्युटर परम है ।


अगर आप और जानना चाहते हैं कम्प्युटर के बारें में तो हमारा युट्युब चैनल देख सकते है।

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